श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राधा रानी को ले कर कन्हिया, अब तो रास रचाने लगें हैं।
देवकी के गर्भ से जो जाए, माँ यशोदा के लाल कहाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ग्वाल बालों के संग मे कन्हिया, अब तो गौए चराने लगें हैं।श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं।
मोह ब्रह्मा का जिस ने घटाया, मान इन्द्र का जिस ने मिटाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
स्वम बन कर पुजारी कन्हिया, अब तो गिरिवर पूजाने लगें है।श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं।
श्याम ने ऐसी वंसी बजायी, तान सखिओं के दिल मे समायी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राधा रानी को ले कर कन्हिया, रास मधुवन रचाने लगें है।श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं।
दीन बंधु ज़माने के दाता, संत भक्तो के है जो विधाता। लेकर शरण राधा रानी की, उनका गुणगान गाने लगे है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं।
श्याम माखन चुराते चुराते, अब तो दिल भी चुराने लगें हैं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
राधा रानी को ले कर कन्हिया, अब तो रास रचाने लगें हैं।