तर्ज,मन में तो आवे भोग लगाऊं
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,🌺🌺🌺🌺🌺
जहाँ नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा।
यह जीवन समर्पित चरण में तुम्हारे,🌺🌺🌺
तुम्ही मेरे सर्वस्व तुम्हीं प्राण प्यारे,
तुम्हे छोड़ कर ना, मैं किससे कहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा।
ना कोई उलाहना, ना कोई अर्जी,🌺🌺🌺🌺
कर लो करालो, तुम्हारी जो मर्जी,
कहना भी होगा तो तुम्ही से कहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा।
दयानाथ दयनीय मेरी अवस्था,🌺🌺🌺🌺
तुम्हारे ही हाथ सारी व्यवस्था,
कहोगे नाथ भी, ख़ुशी से कहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा।
तुम्हारे ही दिन हैं, तुम्हारी रातें,🌺🌺🌺🌺🌺
कृपानाथ सब हैं, तुम्हारी कृपा से,
नारायण प्रभु प्रेम, मैं पावन रहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा।
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,🌺🌺🌺🌺
जहाँ नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूंगा।