माँ शेर पे चढ़ के आई जयकारा गूँजे गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ आसन पर आ बैठ गई।
चरणों मै दीप जलाया, उजियारा हो गया गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ शेर पे चढ़ के आई, जयकारा गूँजे गली गली।
माँ आसन पर आ बैठ गई।
मैंने प्रेम से चरण धुलाए, गंगा जल हो गया गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ शेर पे चढ़ के आई, जयकारा गूँजे गली गली।
माँ आसन पर आ बैठ गई।
मैंने माँ को तिलक लगाया, रंग बिखर गए है गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ शेर पे चढ़ के आई, जयकारा गूँजे गली गली।
माँ आसन पर आ बैठ गई।
मैंने ऐसी फूल चढ़ाया, फुलवारी हो गई गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ शेर पे चढ़ के आई, जयकारा गूँजे गली गली।
माँ आसन पर आ बैठ गई।
मैंने माँ को भोग लगाया, भंडारा हो गया गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ शेर पे चढ़ के आई, जयकारा गूँजे गली गली।
माँ आसन पर आ बैठ गई।
हम सबने भेटे गाई, जगराता हो गया गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
माँ शेर पे चढ़ के आई जयकारा गूँजे गली गली।