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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Aisa damru bajaya bholenath ne,ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,shiv bhajan

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।


डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए🌺
कान्हा जी आए संग राधा भी आए।
डमरू को सुनकर जी कान्हा जी आए।
कान्हा जी आए संग राधा भी आए।
वहाँ सखियों का मन भी मगन हो गया।ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।🌺🌺🌺
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

डमरू को सुनकर जी गणपति चले।🌺🌺
गणपति चले संग कार्तिक चले
डमरू को सुनकर जी गणपति चले।
गणपति चले संग कार्तिक चले।
वहाँ अम्बे का मन भी मगन हो गया।ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।🌺🌺
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

डमरू को सुनकर जी राम जी आए।🌺🌺
राम जी आए संग लक्ष्मण जी आए
मैया सिता का मन भी मगन हो गया।ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।🌺🌺
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

डमरू को सुनकर के ब्रम्हा चले।🌺🌺🌺
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले।
डमरू को सुनकर के ब्रम्हा चले।
यहाँ ब्रम्हा चले वहाँ विष्णु चले
मैया लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया।ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।🌺🌺
ऐंसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

डमरू को सुनकर जी गंगा चले।🌺🌺🌺
गंगा चले वहाँ यमुना चले।
डमरू को सुनकर जी गंगा चले।
गंगा चले वहाँ यमुना चले।
वहाँ सरयू का मन भी मगन हो गयाऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।🌺🌺🌺
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

डमरू को सुनकर जी सूरज चले।🌺🌺🌺
सूरज चले वहाँ चंदा चले
डमरू को सुनकर जी सूरज चले।
सूरज चले वहाँ चंदा चले।
सारे तारों का मन भी मगन हो गया।ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने।🌺🌺🌺
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।🌺🌺
ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया।

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