तर्ज, साजन मेरा उस पार है
मैया मेरी पर्वत पार है।दर्शन को दिल बेकरार है।२।
मैया मेरी भोली भाली है। सारे जहां की वह रखवाली है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 चरणों में उसके सब संसार है।दर्शन को दिल बेकरार है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैया मेरी पर्वत पार है।दर्शन को दिल बेकरार है।
पर्वत पे अजब बहार है,यात्री करते जय जयकार है।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺भंवरे भी करते गुंजार है।दर्शन को दिल बेकरार है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैया मेरी पर्वत पार है।दर्शन को दिल बेकरार है।
पूरी करती सब की फरियाद मां।बांझों को देती है औलाद मां।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺मुश्किल से मिलता मां का प्यार है।दर्शन को दिल बेकरार है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैया मेरी पर्वत पार है।दर्शन को दिल बेकरार है।
गुफा की शोभा कितनी प्यारी है।दर्शन को आए नर नारी है।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺भीड़ भी कितनी बेशुमार है।दर्शन को दिल बेकरार है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैया मेरी पर्वत पार है।दर्शन को दिल बेकरार है।
मैया मेरी पर्वत पार है।दर्शन को दिल बेकरार है।