तर्ज,लेके पहला पहला प्यार
देखो देखो रे बहार, राजा हिमाचल के द्वार। बड़ी भीड़ है अपार, आये हैं कैलाशी बड़ी धूम से। देखो आये हैं बाराती बड़ी दूर से।
सिर सोहे मुकुट गले माला। गले सोहे नागों वाली माला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बूढ़े बैल पे सवार, नंदी बैल पे सवार, जिनके भूरे भूरे बाल, आये हैं कैलाशी बड़ी धूम से।
जब ब्याह करन शिव आये। नर नारी बड़े घबड़ाए। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कहें गौरा जी से जाय, गौरा कुंवारी रह जाय, ऐसे बूढ़े को न ब्याह, आये हैं कैलाशी बड़ी धूम से।
जब राजा ने टीका कीन्हा। भोले बाबा ने चेहरा दीन्हा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भोले डमरू बजायें, भूत प्रेतों को नचायें, आये हैं कैलाशी बड़ी धूम से।
जब भोजन करन शिव आये। मेवा मिष्ठान कुछ न भाये।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 कहीं भंगिया घुटाय, कहीं चरस पिलाय, खुद पियें और पिलायं, आये हैं कैलाशी बड़ी धूम से।
जब काया पलट शिव आये। नर नारी बड़े हरषाए। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कहें राजा जी से जाय, गौरा माला डलवाय, गौरा फेरे पड़वाय, आये हैं कैलाशी बड़ी धूम से।