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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Jagat ke rang kya dekhu,जगत के रंग क्या देखूं,तेरा दीदार काफी है,krishna bhajan

जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है

जगत के रंग क्या देखूं,
तेरा दीदार काफी है ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
क्यों भटकूँ गैरों के दर पे,
तेरा दरबार काफी है।

नहीं चाहिए ये दुनियां के,
निराले रंग ढंग मुझको।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
निराले रंग ढंग मुझको ।
चली जाऊँ मैं वृंदावन,
तेरा श्रृंगार काफी है।जगत के रंग क्या देखूं,तेरा दरबार काफी है।

जगत के साज बाजों से,
हुए हैं कान अब बहरे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हुए हैं कान अब बहरे ।
कहाँ जाके सुनूँ बंशी,
मधुर वो तान काफी है।जगत के रंग क्या देखूं,तेरा दरबार काफी है।

जगत के रिश्तेदारों ने,
बिछाया जाल माया का।🌺🌺🌺🌺🌺
बिछाया जाल माया का ।
तेरे भक्तों से हो प्रीति,
श्याम परिवार काफी है।जगत के रंग क्या देखूं,तेरा दरबार काफी है।

जगत की झूटी रौनक से,
हैं आँखें भर गयी मेरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हैं आँखें भर गयी मेरी ।
चले आओ मेरे मोहन,
दरश की प्यास काफी है।जगत के रंग क्या देखूं,तेरा दरबार काफी है।

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