कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा।🌺🌺🌺🌺
नज़रो से नज़रे मिला न पायी,
मेरी नज़र का कसूर होगा।
कभी बुलाते हो वृन्दाबन में,
कभी बुलाते हो मधुबन में।🌺🌺🌺🌺🌺
अपने तुम घर में रोज बुलाते,
मेरे घर भी आना जरूर होगा।🌺🌺🌺🌺
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा।
तुम्ही तो मेरे मात पिता हो,
तुम्ही तो मेरे बंधू सखा हो।🌺🌺🌺🌺🌺
कितने ही नाते तुम संग जोड़े,
कोई तो नाता जरूर होगा।🌺🌺🌺🌺🌺
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा।
तुम्ही तो मेरी आत्मा हो,
तुम्ही तो मेरे परमात्मा हो।🌺🌺🌺🌺🌺
मुझी में रह कर मुझी से पर्दा,
पर्दा हटाना ज़रूर होगा।🌺🌺🌺🌺🌺
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा।
आँखों में बस गयी तस्वीर तेरी,
दिल मेरा हो गया जागीर तेरी।🌺🌺🌺🌺
दासी की विनती तुम्हारे आगे,
दरश दिखाना जरूर होगा।🌺🌺🌺🌺🌺
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा।