तर्ज,जबसे देखा तुझे मुरली वाले
जब चराता है,बन बन में गउवे,कैसे कह दूं की ग्वाला नहीं है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तुम्हारी नजरों को धोखा हूवा है, मुरलीवाला तो काला नही है।
भावना जिसके मन में है जैसी,उसने मूरत भी देखी है वैसी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺वह करोड़ों रंगों में रंगा है।एक रंग मुरली वाला नही है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तुम्हारी नजरों को धोखा हूवा है, मुरलीवाला तो काला नही है।
जब चराता है,बन बन में गउवे,कैसे कह दूं की ग्वाला नहीं है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तुम्हारी नजरों को धोखा हूवा है, मुरलीवाला तो काला नही है।
दर्द ने जब प्रभु को सताया। राधा रानी बहुत शर्म खाया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 प्रेम की रोशनी आ रही है। मुरली वाला तो काला नहीं है।
जब चराता है,बन बन में गउवे,कैसे कह दूं की ग्वाला नहीं है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तुम्हारी नजरों को धोखा हूवा है, मुरलीवाला तो काला नही है।
जब सुदामा के पैरों को देखा। हुआ हृदय द्रवित तब हरि का।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 यह तो भक्ति के मौज में है। मुरली वाला तो काला नहीं है।
जब चराता है,बन बन में गउवे,कैसे कह दूं की ग्वाला नहीं है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तुम्हारी नजरों को धोखा हूवा है, मुरलीवाला तो काला नही है।