तर्ज, होलिया में उड़े री गुलाल
तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।
सावन ना आइयो कान्हा, भादौ ना आइयो।आइयो कार्तिक मास,मोहे लेने तुम आइयो।तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।
शाम मत आइयो,सुबह मत आइयो।२।आइयो भोर परभात,मोहे लेने तुम आइयो।तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।
मावस ना आइयो कान्हा,पूनम ना आइयो।आइयो एकादश रात,मोहे लेने तुम आइयो।तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।
रुक्मण ना लाइयो राधा ना लाइयो।२।लाइयो तुलसी साथ,मोहे लेने तुम आइयो।तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।
दूध मत लाइयो कान्हा दही मत लाइयो।लाइयो गंगाजल साथ,मोहे लेने तुम आइयो।तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।
अंत समय जब प्राण मेरे निकले।२।ले जाइयो सरकार,मोहे लेने तुम आइयो।तुम आइयो गोपाल,मोहे लेने तुम आइयो।