तर्ज, इन्हीं लोगों ने
तेरे भक्तों ने,तेरे संतों ने।२। तेरे भक्तों ने रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।
इंद्रधनुष का वो,रंग निकाले।ज्ञान की कुंडी में,सब रंग डाले।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सोना सोना सा रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।तेरे भक्तों ने रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।
सलमे सितारे तेरे,चोले में टांके।सर पे उढाया तेरे,भक्तों ने आके।२।🌺🌺🌺🌺 गोटा किनारी जड़ दीन्हा,दुपट्टा तेरा।तेरे भक्तों ने रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।
मोर पपिहा तेरे,दर पे बोले।कानों में अमृत रस घोले।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺छैल छमक रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।तेरे भक्तों ने रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।
सब नर नारी तेरे,दर पे आए,प्रेम से तुझको भजन सुनाए।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मनभावन रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।तेरे भक्तों ने रंग दीन्हा,दुपट्टा तेरा।