तर्ज,कोई जब राह न पाए
सांवरे को मन में जो बसाए,कभी न दुःख पाए।ये खाटू वाला उसके संग हो जाए। पावन है कितना वो तोरण द्वार, बैठा है जहां पर लखदातार।
आता है जो भी, यहां पर एक बार। बाबा की धरती से, हो जाता है प्यार।🌺🌺🌺 इस माटी की, महिमा अपार।🌺🌺🌺🌺 इसको अपने माथे जो लगाए। बड़ा ही सुख पाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 उसकी सारी बिपदाएं टल जाए। होता है यहां पर बेड़ा पार।बैठा है जहां पर लखदातार।
सांवरे को मन में जो बसाए,कभी न दुःख पाए।ये खाटू वाला उसके संग हो जाए। पावन है कितना वो तोरण द्वार, बैठा है जहां पर लखदातार।
होता है आकर,यहां ये अहसास।सांवरा करेगा, पूरी हर आश।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बाबा का जो दीवाना हो जाए। प्रेमि का प्रेम पाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वह पागल इसका दीवाना कहलाए। खाटू में ऐसा है चमत्कार।बैठा है जहां पर लखदातार।
सांवरे को मन में जो बसाए,कभी न दुःख पाए।ये खाटू वाला उसके संग हो जाए। पावन है कितना वो तोरण द्वार, बैठा है जहां पर लखदातार।
खाटू में देखो,जहां जिस और। भजनों को सुन, मन भाव विभोर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 प्रेम की है छाई घटाये घनघोर।🌺🌺🌺🌺खाटू की है महिमा निराली,खिल रही हर एक डाली। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सांवरे की धरती गुनगुनाए।आया जैसे कोई त्योंहार।बैठा है जहां पर लखदातार।
सांवरे को मन में जो बसाए,कभी न दुःख पाए।ये खाटू वाला उसके संग हो जाए। पावन है कितना वो तोरण द्वार, बैठा है जहां पर लखदातार।