तर्ज,हम तुम्हे चाहते है ऐसे
सुनो बजरंग बली,राम को जानते हैं कैसे।जानकी पूछती है ऐसे।
लंका नगरी बसी दूर जैसे,कोई जाए ना रावण के डर से।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सुनो बजरंग बली, सागर को पार किया है कैसे।।जानकी पूछती है ऐसे।
सुनो बजरंग बली,राम को जानते हैं कैसे।जानकी पूछती है ऐसे।
लंका में है असुरों की माया,कोई मानुष पहुंचने न पाया।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सुनो बजरंग बली,राक्षस से बचके आए हो कैसे।।जानकी पूछती है ऐसे।
सुनो बजरंग बली,राम को जानते हैं कैसे।जानकी पूछती है ऐसे।
राम तो नर है और तुम हो वानर,प्रभु कैसे मिले और कहांपर।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺सुनो बजरंग बली,मुंदरी हाथों में लाए हो कैसे।।जानकी पूछती है ऐसे।
सुनो बजरंग बली,राम को जानते हैं कैसे।जानकी पूछती है ऐसे।
कहे बजरंग सुनो सीता माई।हमको वन में मिले दोनों भाई।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सुनो बजरंग बली,तुलसी दास को मिले तुम कैसे।।जानकी पूछती है ऐसे।
सुनो बजरंग बली,राम को जानते हैं कैसे।जानकी पूछती है ऐसे।