तर्ज,हनुमान तुम्हारे द्वारे पर एक
कोई एक है जग का बाजीगर,यह राज सभी ने जाना है।किस देश का रहने वाला है, कोई भेद नहीं पहचाना है।
वो रास रंग को क्या जाने, जो खुद ही रास रचाता है। उंगली के इशारे पर सारी, दुनिया को नाच नचाता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 है उसका दीवाना कोई नहीं, वह अपने आप दीवाना है।।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोई एक है जग का बाजीगर,यह राज सभी ने जाना है।किस देश का रहने वाला है, कोई भेद नहीं पहचाना है।
वो ही अल्लाह है,वो ही मौला है,वो ही भगवान कहाता है।किसी एक का मालिक नहीं है वो,हर एक से उसका नाता है।🌺ये मंदिर मस्जिद गिरजाघर,ये सब तो एक बहाना है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोई एक है जग का बाजीगर,यह राज सभी ने जाना है।किस देश का रहने वाला है, कोई भेद नहीं पहचाना है।
ये ही तो सब दुःख देता है, और ये ही खुशियां देता है।ये ही तो धन दौलत देता,और ये ही छीन भी लेता है।🌺🌺🌺ये ही तो सबकुछ देता है,कोई हंसता है कोई रोता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोई एक है जग का बाजीगर,यह राज सभी ने जाना है।किस देश का रहने वाला है, कोई भेद नहीं पहचाना है।
वो ही है दिन में बसा हुवा,और वो ही बसा है रातों में।इंसान के हाथों में कुछ भी नही,सबकुछ है उसीके हाथों में।🌺🌺🌺इंसान का काम नाचना है और उसका काम नचाना है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोई एक है जग का बाजीगर,यह राज सभी ने जाना है।किस देश का रहने वाला है, कोई भेद नहीं पहचाना है।