तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया
गजानन की निकली सवारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।
उड़े रंग गुलाल,करे ढोलक धमाल।२।नाचे गावे सभी,और मिलावे है ताल।🌺🌺🌺जयकारा लगाए नर नारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺गजानन की निकली सवारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।
माथे मुकुट सोहे,गले में चंद्र हार।२।मानिक मोती मणि, लड़ियां है हजार।🌺🌺🌺🌺माथे तिलक सोहे लालम लाली,संग भक्तों की भीड़ है भारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺गजानन की निकली सवारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।
देखो निकले हैं बप्पा,लुटाने को प्यार।२।हर लेंगे सब दुखड़े,होगा उद्धार।🌺🌺🌺🌺पग पग में जाऊं बलिहारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺गजानन की निकली सवारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।
बड़े सुंदर सजल और सरल है देवा।२।कष्ट हरते है पल में, जो करता सेवा।🌺🌺🌺नतमस्तक है सब नर नारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺गजानन की निकली सवारी,संग भक्तों की भीड़ है भारी।