तर्ज,जिंदगी की ना टूटे लड़ी
रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति,लाज रखना मेरी गणपति।
ज्ञान के तुम हो सागर देवा,थोड़ा ज्ञान हमें दीजिए।३।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति,लाज रखना मेरी गणपति।
अन्न धन के तुम देनेवाले,थोड़ी माया हमें दीजिए।३।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति,लाज रखना मेरी गणपति।
पहले कीर्तन में तुमको मनाऊं,आओ आसन विराजो गणपति।३।🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति,लाज रखना मेरी गणपति।
तुमको लड्डुवन का भोग लगाऊं, खाओ रूच रूच मेरे गणपति।३।🌹🌹🌹🌹🌹रिद्धि सिद्धि के तुम हो पति,लाज रखना मेरी गणपति।