तर्ज,श्याम तुमसे मिलने का
गौरा तेरे लाला का, ऊंचे पर्वत पे डेरा है।काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाले को,हम गणपत बुलाते हैं। पत रखता है सबकी ये,सबके दिल में इसका डेरा है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाला का, ऊंचे पर्वत पे डेरा है।काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाले को,हम एकदंत बुलाते हैं।सब देवों से निराला ये,मेरे गणपत का चेहरा है।काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाला का, ऊंचे पर्वत पे डेरा है।काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाले को,हम विघ्नेश्वर बुलाते हैं।चारों भुजाओं से,ये हरता दुःख मेरा है।काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाला का, ऊंचे पर्वत पे डेरा है।काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।
गौरा तेरे लाले को, हम पहले मनाते हैं। रिद्ध सिद्ध लाता ये,काज सारे घनेरा है।🌹🌹काशी के वासी जहां, वहीं बप्पा का बसेरा है।