तर्ज,वो परी कहां से लाऊं,जिसे दुल्हन तेरी बनाऊं
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तेरे नित नए लाड़ लड़ाऊं। छिपाके तुझे नैनन में। बसाके तुझे नैनन में।
गीत बन जाऊं तेरी,बांसुरी के स्वर का।इठलाती बलखाती,पतली कमर का।🌺🌺पिला पटका बन जाऊं।२।बसाके तुझे नैनन में।छिपाके तुझे नैनन में।
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तेरे नित नए लाड़ लड़ाऊं। छिपाके तुझे नैनन में। बसाके तुझे नैनन में।
घुंघरू बनूं जो तेरे,पायल का प्यारे।पल पल चूमा करूं,चरण तुम्हारे।🌺🌺🌺🌺🌺तेरे संग संग नाचूं गाऊं।२।बसाके तुझे नैनन में।छिपाके तुझे नैनन में।
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तेरे नित नए लाड़ लड़ाऊं। छिपाके तुझे नैनन में। बसाके तुझे नैनन में।
राधिका किशोरी संग,रमण तुम्हारा।मुझको दिखा दो कभी,ऐसा नजारा।तेरी चाह में,में मर जाऊं।२।छिपाके तुझे नैनन में।बसाके तुझे नैनन में।
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तेरे नित नए लाड़ लड़ाऊं। छिपाके तुझे नैनन में। बसाके तुझे नैनन में।