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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Apno gaw rakho nandrani, अपनो गांव रखो नंदरानी हम कहीं और बसेंगी जाय,krishna bhajan

अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।

तर्ज,व्रज में हो रही जय जयकार,नंद घर

अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।हम कहीं और बसेंगी जाय,हम कहीं और बसेंगी जाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी हम कहीं और बसेंगी जाय।

तेरे लाल की सुन सुन बतियां,तोहे कहूं समझाए।देखन में छोटो सो लागे, हाय बड़ो होय जाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।

घर से निकलकर,ढोल के गागर,ये भीतर घुस जाय।छींका में से माखन खावे,दूध दही धुलकाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।

जब में जमुना नहाने जाऊं,लेवे यो चीर चुराय।लेकर चीर कदंब पे बैठयो, ठोनो रहयो दिखाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।

जब में तेरे मोहन को पकडूं,दुबक छिपत रह जाय।अपनों हाथ छुड़ाए गयो,देवरको दियो पकड़ाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगे जाय।

चंद्रसखी भज बाल कृष्ण छबि,लाल को लेवो समझाए।वृंदावन की कुंज गलिन में,लूट लूट कर खाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।

अपनो गांव रखो नंदरानी, हम कहीं और बसेंगी जाय।हम कहीं और बसेंगी जाय,हम कहीं और बसेंगी जाय।🌺🌺🌺🌺🌺🌺अपनो गांव रखो नंदरानी हम कहीं और बसेंगी जाय।

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