तर्ज,छुप गए सारे नजारे
खुल गए सारे ताले, ओय क्या बात हो गई। देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
था जेलखाना, जनम लिए कान्हा,द्वापर का था जमाना।ताले लगाना,पहरे बिठाना,वो कंस का जुलुम ढाना।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 उस रात का दृश्य,भयंकर था। उस कंस को मरने,का डर था।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बादल छाए उमड़ाके,बरसात हो गई।देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
खुल गए सारे ताले, ओय क्या बात हो गई। देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
खड़े पहरे वाले,लिए हाथ भाले,बड़े तगड़े रखवाले।हो गए मतवाले,पिए हो जैसे प्याले,कान्हा के खेल निराले।🌹🌹🌹🌹वासुदेव ने श्याम को उठाया था।टोकरी में उसे सुलाया था।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹गोकुल को धाए,बड़े हरसाये,रातों रात हो गई।देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
खुल गए सारे ताले, ओय क्या बात हो गई। देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
घटाएं थी कारी,अजब मतवारी,और टोकरी में मोहन मुरारी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सहस्र भुजाधारी, करे रखवारी,तो जमुना ने बात बिचारी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्याम आए है भक्तों के हितकारी,में भी चरणों में हो जाऊं बलिहारी।🌹🌹🌹🌹 छूके श्याम के चरण, जमुना भी धनभाग हो गई।देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
खुल गए सारे ताले, ओय क्या बात हो गई। देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
छबि नटवर की,वो मुरलीधर की,वो ईश्वर रचनाकर की।गिरिवरधर की, नटनागरकी,यशोदा कुंवर की प्यारी।🌹🌹वासुदेव डगर लई नंद घर की।जमुना ने चरण जल,पाई हरिहर की।🌹🌹🌹🌹 धन्य हो गई जमुना,मुलाकात हो गई।🌹देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।
खुल गए सारे ताले, ओय क्या बात हो गई। देखो जन्मे कन्हैया तो,करामात हो गई।२।