तर्ज,मनिहारी का भेष बनाया
श्रीराम की गली में तुम जाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
उनके तन में है राम,उनके मन में है राम।२।अपनी आंखों से देखे, कण कण में वो राम।श्री राम का वो,हो गया दीवाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
श्रीराम की गली में तुम जाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
ऐसा राम जी से जोड़ लिया नाता हनुमान।जब भी देखो उन्हीं के गुण,गाता हनुमान। श्री राम के चरण में ठिकाना। वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
श्रीराम की गली में तुम जाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
उनसे कहना राम-राम,वो कहेंगे राम-राम। कुछ भी सुनते नहीं, बस सुनेंगे राम-राम। महामंत्र है ये,भूल न जाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
श्रीराम की गली में तुम जाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
इतनी भक्ति वो बनवारी,करने लगे।🌹🌹उनके सीने में,राम सिया रहने लगे।इस कहानी को जानता जमाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।
श्रीराम की गली में तुम जाना।वहां नाचते मिलेंगे हनुमाना।