बता दो हनुमान कैसे लंका जली।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।🌹🌹🌹🌹🌹तेरी गर्जना से,मची खलबली।२।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
चाला था में निशानी लेके, प्रभु राम की।जहां पे बैठी हुई थी, मां मेरी जानकी।🌹दिखाई मैने मुंदरी,तो व्याकुल हुई।🌹🌹हो गई उनको चिंता,मेरी जान की।असुरों से भरी थी, लंका की हर गली।🌹🌹🌹🌹बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
लगी भूख मुझको,बड़ी जोर से।देखी रावण की बगिया, मैने गौर से।🌹🌹🌹🌹🌹फल थे बहुत मीठे उनको,खाने लगा। आज्ञा मिली मुझको, मैया की और से।🌹🌹🌹 जंबो माली को हरकत,मेरी ये खली।🌹🌹बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
में भूखा था सैनिक,अकड़ने लगे।मेरे साथ आकर झगड़ने लगे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹लिया पंगा जो मुझको,लगे मारने।मेरे सोटे भी उनपे पड़ने लगे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सूचना जब इसकी,रावण को मिली।🌹🌹बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
भेजा अक्षय मेरे हाथ,मारा गया।जो भी पास आया, संहारा गया।🌹🌹🌹🌹🌹लड़ने मुझसे वहां,मेघनाथ आ गया।साथ लेकर के वो, ब्रह्मफांस आ गया।🌹🌹🌹बांध मुझको घुमाया,लंका की गली।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
मुझको रावण के सन्मूख,है लाया गया।फैसला मिलकर मुझको,सुनाया गया।🌹जो तबाही मचाई है,इस दूत ने।लगा दो मिलकर आग,इसकी पूंछ में।🌹🌹🌹🌹आ गया मुझको क्रोध,जब पूंछ जली।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
प्रभु की सेवा में जो बाधा,पहुंचाएगा।फिर क्रोध से वो मेरे बच,ना पायेगा।🌹🌹🌹बेधड़क जो शरण, राम की आएगा।वो रामजी की किरपा, सदा पाएगा।🌹🌹🌹जग की माया से प्रभु की,सेवा भली।देखो जी श्रीमान,ऐसे लंका जली।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।
बता दो हनुमान कैसे लंका जली।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।🌹🌹🌹🌹🌹तेरी गर्जना से,मची खलबली।२।बता दो हनुमान कैसे लंका जली।