Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Baba shyam ke darwar machi re hori, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,shyam bhajan

बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी,

बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

के मन लाल गुलाल उड़त है। कई मन केसर कस्तूरी बाबा श्याम के।बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

कहां से आयो रे म्हारो कुंवर कन्हैयो। कहां से आई राधा प्यारी गौरी। बाबा श्याम के। बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

मथुरा से आयो म्हारो कुंवर कन्हैयो। तो बरसाने से राधा,प्यारी गोरी।बाबा श्याम के। बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

कितने वर्ष को म्हारो, कुंवर कन्हैयो। तो कितने वर्ष की, राधा गोरी। बाबा श्याम के। बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

ग्यारह रे वर्ष को म्हारो, कुंवर कन्हैयो। तो बीस बरस की या, राधा गोरी। बाबा श्याम के। बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

जब तक चांद सूरज धरती पर। अमर रहे या युगल जोड़ी। बाबा श्याम के।बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के। २।

Leave a comment