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Om jay janki natha, ॐ जय जानकी नाथा,रामजी की आरती

ओम जय जानकी नाथा, प्रभु जय श्री रघुनाथा

ओम जय जानकी नाथा, प्रभु जय श्री रघुनाथा। दोऊ कर जोड़यां बीनवों, प्रभु सुन मेरी बाता। ओम जय जानकी नाथा।

तुम रघुनाथ हमारे, प्राण पिता माता। ओ प्रभु प्राण पिता माता। तुम हो सजन संगाति, आप हो सजन संगाति, भक्ति मुक्तिदाता।🌹🌹🌹 ओम जय जानकी नाथा।

चौरासी प्रभु फंद छुड़ाओ, मेटो जम त्रासा। हो प्रभु मेटो जम त्रासा। निशिदिन प्रभु मोहि राखो, सब दिन हरि मोही राखो, अपने संग साथा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ओम जय जानकी नाथा।

सीताराम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न,संग चारों भैया। ओ प्रभु संग चारों भैया। जगमग ज्योति विराजत, झिलमिल ज्योति विराजत, शोभा अति लैया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ओम जय जानकी नाथा।

हनुमत नाद बजावत, नेवर ठुमकाता। ओ प्रभु नेवर ठुमकाता। कंचन थाल आरती, सुमरण थाल आरती, करत कौशल्या माता।🌹🌹🌹 ओम जय जानकी नाथा।

क्रीट मुकुट कर धनुष विराजत, शोभा अति भारी। ओ प्रभु महिमा अति भारी। मनीराम दर्शन करी, तुलसीदास दर्शन करी, पल-पल बलिहारी। ओम जय जानकी नाथा।

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