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राम भजन लिरिक्स

Data nahi hai shree ram jaisa, दाता नही है श्री राम जैसा,राम भजन

दाता नही है श्री राम के जैसा,सेवक नही है हनुमान के जैसा।

दाता नही है श्री राम के जैसा,सेवक नही है हनुमान के जैसा।

आंख उठाकर देखा जग में, सारा जगत भिखारी। काम क्रोध मद लोभ मोह में, लिपटे सब नर नारी। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹पाप नहीं कोई, अभिमान के जैसा।दाता नही है श्री राम के जैसा।

पढ़ कर देखो रामायण, बस एक ही बात सिखाएं। वह नर पार उतर जाए, जो अपना फर्ज निभाये।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 धर्म नहीं मानव सम्मान के जैसा।दाता नही है श्री राम के जैसा।

सुख चाहो तो सुमिरन कर लो, राम प्रभु का प्यारे। संजू सबको जाना होगा, एक दिन हाथ पसारे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तप नहीं हरि के गुणगान के जैसा।दाता नही है श्री राम के जैसा।

दाता नही है श्री राम के जैसा,सेवक नही है हनुमान के जैसा।

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