तर्ज, हाय हाय ये मजबूरी
मेरे शिव भोले भंडारी, मैं आया शरण तिहारी। दे दो दया की भीख हे बाबा, मैं हूं बड़ा लाचारी।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙मेरे शिव भोले भंडारी, मैं आया शरण तिहारी।
उमा रमन शंभू त्रिपुरारी, भवभय भंजन हारी। औघड़ दानी तेरी महिमा, गाये सब नर नारी। थोड़ी दया दिखा दो मुझ पर, में हूं तेरा पुजारी।दे दो दया की भीख हे बाबा, मैं हूं बड़ा लाचारी।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙मेरे शिव भोले भंडारी, मैं आया शरण तिहारी।
बाघाम्बर है तन पर तेरे, हाथ में त्रिशूल धारी।डमरु डमा डम बाजे तेरा,नृत्य करे बनवारी। भूत पिशाच भी साथ में नाचे, दे दे हाथ से ताली।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 दे दो दया की भीख हे बाबा, मैं हूं बड़ा लाचारी।मेरे शिव भोले भंडारी, मैं आया शरण तिहारी।
भर भर प्याला पीवे है भंगिया, मस्ती में त्रिपुरारी। गौरा बोले ओ मेरे स्वामी, दुखे है बहियां हमारी।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙बोले भोला छोड़ दो मुझको, हे कोमल सुकुमारी।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 भंगिया को ना कुछ बोलो,ये जान है मेरी प्यारी।मेरे शिव भोले भंडारी, मैं आया शरण तिहारी।