तर्ज,इतनी खातरी करवाए
अईयां आंख ना दिखाओ, थाने पाप लागे। थारे सेठ जी रो सेठ, म्हारो बाप लागे।
मिनख जमारो दोरो पायो,जग में बस अभिमान कमायो।झूठे रोब ने दिखावनमें, के धाक लागे।थारे सेठ जी रो सेठ, म्हारो बाप लागे।
श्याम की माया, श्याम ही समझावे। रंक ने राजा, पल में बनावे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 थारे म्हारे मैं के अलग-अलग, छाप लागे।थारे सेठ जी रो सेठ, म्हारो बाप लागे।
बस इतनी सी, बात जान लो। पल्लू में थे, गांठ बांधलो।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 सागे सागे चाले बाबो, बड़ी धाक लागे।थारे सेठ जी रो सेठ, म्हारो बाप लागे।
अईयां आंख ना दिखाओ, थाने पाप लागे।थारे सेठ जी रो सेठ, म्हारो बाप लागे।
तर्ज,मीठे रस से