श्याम नाम की सर पे है छतरी, कांटो भरी कोई राह नहीं। गमों की बारिश आ जाए तो, हमें कोई परवाह नहीं।
साए में हूं श्याम नाम के, हमें धूप की फिकर नहीं। चाहे ओले बरसे दुखों के, हमको कोई असर नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 हमसे बड़ा कोई शाह नहीं।गमों की बारिश आ जाए तो, हमें कोई परवाह नहीं।🌹🌹🌹🌹श्याम नाम की सर पे है छतरी, कांटो भरी कोई राह नहीं।
क्यों आंधी से घबराऊ मैं, आगे मेरा श्याम चले। नहीं छोड़ता पल भर मुझको, साथ मेरे सुबह शाम चले।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 पल भर की भी श्याम की मुझसे, हटती है निगाह नहीं।गमों की बारिश आ जाए तो, हमें कोई परवाह नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्याम नाम की सर पे है छतरी, कांटो भरी कोई राह नहीं।
जब से हूं मैं उसकी नजर में, नजर मेरी कभी झूकी नहीं। आंगन में बरसात खुशी की, पल भर को भी रुकी नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 सब कुछ पाया श्याम के दर से, रही मुझे कोई चाह नहीं।गमों की बारिश आ जाए तो, हमें कोई परवाह नहीं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्याम नाम की सर पे है छतरी, कांटो भरी कोई राह नहीं।
श्याम नाम की सर पे है छतरी, कांटो भरी कोई राह नहीं। गमों की बारिश आ जाए तो, हमें कोई परवाह नहीं।