पिंजरे के पंछी रे,तेरा दर्द ना जाने कोय।
कह ना सके तूं अपनी कहानी।तेरी भी पंछी क्या जिंदगानी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹विधि ने तेरी कथा लिखी है,आंसू में कलम डुबोय।तेरा दर्द ना जाने कोय।
चुपके चुपके रोने वाले,छुपा के रखना दिल के छाले रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹ये पत्थर का देश है पगले,यहां कोई ना तेरा होय।तेरा दर्द ना जाने कोय।
पिंजरे के पंछी रे,तेरा दर्द ना जाने कोय।