तर्ज,रमैया वस्ता बैया
सुन यशोदा मैया तेरा काला कन्हैया,मटकी फोड़ गया,दूध दही ढोल गया।
बाज आता नही,तरस खाता नहीं,कोई आके इसे समझाता नही।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तेरा ये लाल मैया,करता बेहाल मैया।🌹🌹मटकी फोड़ गया,दूध दही ढोल गया।
बड़ा नटखट है ये,आता पनघट पे रोज। तंग करता है वो, चीर चुराता है वो।🌹🌹🌹🌹टेढ़ी है चाल मैया,तेरा नंदलाल मैया।🌹🌹मटकी फोड़ गया,दूध दही ढोल गया।
ग्वाल लाता है वो,और रुलाता है वो।पीछे भागे पकड़ में न आता है वो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 घुंघर है बाल मैया,मुखड़ा है लाल मैया।🌹🌹मटकी फोड़ गया,दूध दही ढोल गया।
में तो हारी मैया, सो सो बारी मैया।तेरे कान्हा ने मेरी चोटी बिगाड़ी मैया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹 कहूं क्या हाल मेरा,तेरा ही लाल मैया।🌹🌹मटकी फोड़ गया,दूध दही ढोल गया।
सुन यशोदा मैया तेरा काला कन्हैया,मटकी फोड़ गया,दूध दही ढोल गया।