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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shiv bhajan,bhola bhang tihari, भोला भंग तिहारी

भोला भंग तिहारी, नित घोटत घोटत हारी।

भोला भंग तिहारी, नित घोटत घोटत हारी। मेरे दोनों हाथ दुखाए। एक दिन की होए तो घोटू, रोज ना घोटी जाए।भोला भंग तिहारी।

जिस दिन से मैं ब्याह के आई,भाग्य हमारे फूटे। राम करे ऐसा हो जाए, सिलबट्टा ही टूटे। हां टूटे।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 तेरी रोज-रोज की अकड़ रे भोला, घर में रार मचाए।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙एक दिन की होए तो घोटू, रोज ना घोटी जाए।भोला भंग तिहारी।

नाजुक तन को नाज से पाला, कैसे कहूं कसाले। भांग तुम्हारी घोटत घोटत हाथ में पड़ गए छाले। हां छाले।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 तेरी रोज-रोज की अकड़ रे भोला हमसे सही ना जाए।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙एक दिन की होए तो घोटू, रोज ना घोटी जाए।भोला भंग तिहारी।

क्रोध में आकर शिव शंकर ने, खोला अपना झोला। एक धतूर की गोली निकाली, एक भांग का गोला। हां गोला।🌙🌙🌙🌙🌙🌙 भोला गोला हाथ में लेकर, क्रोध में आकर बोला।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 गोरा तो छोड़ सकूं पर भांग ना छोड़ी जाए।एक दिन की होए तो घोटू, रोज ना घोटी जाए।भोला भंग तिहारी।

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