तर्ज,श्याम थारी ओल्यूं आवे जी
गजानंद आनंद करियो जी। मैं धरा चरण में शीश, नाथ म्हारी अर्जी सुनियो जी।
पिता तुम्हारो महादेव है, नंदेश्वर साजे। माता तुम्हारी हे श्री गिरिजा, सिंह चढ़ी गाजे।🌹🌹 म्हारे घर मंगल करियो जी।
गजानंद आनंद करियो जी। मैं धरा चरण में शीश, नाथ म्हारी अर्जी सुनियो जी।
सूंड सुंडाला दूंद दूंदाला, एकदंत साजे। थारे गल पुष्पन की माला विराजे, कोटी काम लाजे। म्हारा सब दुखड़ा हरियो जी ।
गजानंद आनंद करियो जी। मैं धरा चरण में शीश, नाथ म्हारी अर्जी सुनियो जी।
विघ्न निवारण मंगल कारण, राजनपति राजे। तुलसीदास गणपति जी सिमरया, दुख दरिद्र भाजे।म्हारे पर कृपा करियो जी।
गजानंद आनंद करियो जी। मैं धरा चरण में शीश, नाथ म्हारी अर्जी सुनियो जी।
सब देवों में प्रथम मनावां, धरा चरणों में शीश। भक्त मंडल कहे गजानंद, देवो शुभ आशीष। काम म्हारा पूरण करियो जी ।
गजानंद आनंद करियो जी। मैं धरा चरण में शीश, नाथ म्हारी अर्जी सुनियो जी।