बांध्यो बांध्यो रे रस्सी से नंदकिशोर, यशोदा मैया डांट रही। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोनी देखयो मैं तो, तेरे जैसों चोर, यशोदा मैया डांट रही।
रोज-रोज गुजरी के घर में, जाकर उधम मचावे। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺माखन से घर भर्यो पड़यो है, क्यों चोरी कर खावे ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 लाग्यों लाग्यों रे सुवाद कोई और, यशोदा मैया डांट रही।बांध्यो बांध्यो…
बार-बार समझा कर हारी, बात समझ नहीं आई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 बोल कन्हैया सांची सांची, वरना करूं पिटाई। तेरी बात को नहीं कोई छोर, यशोदा मैया डांट रही।बांध्यो बांध्यो…
मां की बातें सुन कानूडो, आंसूडा ढलकायो ।चाले जोर मेरे पर तेरो, जाने मन्ने परायो।🌺 तेरो सखियां पर ना, चाले कोई जोर।🌺🌺 यशोदा मैया डांट रही।बांध्यो बांध्यो…
सुन सुन कर सखियों का ताना, जीव मायड़ भरमायो ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आंसू देख हरि आंखों में, हिवड़ो भर भर आयो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 लालो बांध्यो जी यो प्रेम की डोर ।यशोदा मैया डांट रही।बांध्यो बांध्यो…