तर्ज,थारे झांझ नगाड़ा बाजे
श्याम तने म्हारे घरॉ ले चालु रे, पतली सी या पितांबरी मैं सिया मरेलो रे।
खाटू वाले खारडे मैं, सियां मरेलो भाया । ठंडी ठंडी भाल चाल्सी, थरथर कांपे काया ।थारा दांत कड़ा कड़ा बोले रे ।पतली सी…
म्हारे घर आ छे गुदडा, जाके सो सो कारी। एक ओढस्यां, एक बिछासयां,रात काटस्यां सारी । कईयां नाके नाके डोले रे ।पतली सी…
आव आव अब बेगो आजा, पकड़ आंगली म्हारी। सर्दी मरता थरथर कांपा, बाट जोवंता थारी। दाता म्हारे साग होले रे।पतली सी…
माखन मिश्री तने चाहिए, बान पड़गी खोटी ।म्हारे घरा छे बाजरा की, रूखी सूखी रोटी । गुड को डालियो सागे ले ले रे ।पतली सी…
हरदम थारी सेवा करस्यू,नित उठ भोग लगाऊ। धूप दीप नैवेध सजा कर, रोज आरती गाऊं। मनु चरण चित धर बोले रे। पतली सी…