कुछ दे या ना दे श्याम इस अपने दीवाने को। दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को।
आंसू वह खजाना है, किस्मत से मिलता है ।इनके वह जाने से, मेरा श्याम पिघलता है ।काफी है दो बूंदें,घनश्याम रिझाने को। दो आंसू..
नरसी ने बहाए थे,मीरा ने बहाए थे। जब जब भी कोई रोया, तुम दौड़ के आए थे ।करुणा का तू सागर है,अब छोड़ बहाने को। दो आंसू…
दुःख में बह जाते हैं, खुशियों में जरूरी है। आंसू के बिना मोहन, हर आंख अधूरी है । पूरा करते आंसू हर इक हरजाने को ।दो आंसू.
कुछ दे या ना दे श्याम इस अपने दीवाने को। दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को।