तर्ज,में हूं छोरी मालण की
कईयां रीझे श्याम रिझानों कोनी जानूं में। रिझानों कोनी जानूं में,लुभानो कोनी जानूं में।
कोई तो पहरावर इने बागा चमकनियां। मोटा मोटा फुलड़ा का,हार मेहकनियां।सोने सोने श्याम ने सजानो कोनी जानूं में। कईयां…
मेवा खीर चूरमा को भोग लगाऊं ।छप्पन भोग सजा कर लयाऊं । करमा को सो खीचड़ो खुवानो कोनी जानूं में। कईयां…
नया-नया नित्य की भजन सुनाऊं। ढोल मजीरा भी खूब बजाऊं। नरसी जैसों भाव जगानों कोनी जानू मैं। कईयां…
सांची सांची प्रीत तो श्यामा ने भावे। नहीं जानू लोग कईयां इने पटावे । मीरा जैसी प्रीत लगानो कोनी जानू मैं।कईयां…