तर्ज,एक परदेशी मेरा दिल ले गया
देखो म्हारो श्याम कैसो जच रहयो है।सिंहासन पे बैठयो बैठ्यो हंस रहयो है।
सांवली सलोनी छबि भोलो भालो मुखडो। 🍂 प्रेम से निहार लेव, कट जावे दुखडो।🍂🍂 आँख्या से अमृत बरस रहयो है।सिंहासन…
तीखा तीखा नैन स्यू जादू यो चलावे।🍂🍂 अपनो बनाकर बीने कद्दे ना भुलावे।🍂🍂🍂 प्रेमियों की प्रेम डोर कस रहयो है।सिंहासन..
भक्तान बाबो म्हारो प्यारो घनों लागे।🍂🍂 सारा सेवक झूम रहया सांवरिया के आगे।🍂 भक्ताके कालजा में बस रहयो है।सिंहासन..
श्याम जैसो दुनिया में नहीं कोई और है।🍂🍂 महे तो यही जाना म्हारो श्याम चितचोर है।🍂 म्हारो भी जीव ईमें फंस रहयो है।सिंहासन..