तर्ज,कन्हैया ले चल परली पार
सुदामा मंदिर देख डरे,कहां गई मेरी राम झोपड़ी कंचन महल खड़े।सुदामा…
ओ गिरधारी एक निर्धन से ये क्या खेल करे।घर के मालिक घर के बाहर,घर की खोज करे।सुदामा…
घर की रानी खड़ी द्वार पे,नैना प्रेम भरे।⚡⚡ देख हुआ हैरान सुदामा,एक एक पांव धरे।⚡ सुदामा…
किसने दिए तुम्हे सुंदर गहने,हीरे लाल जड़े।⚡ किसने बनाया महल हमारा,ऊंचे बड़े बड़े।⚡ सुदामा..
देवी बोली नाथ हमारे,शंका काहे करे।⚡⚡ बालापन का साथी तुम्हारा,वो दुःख दूर करे। सुदामा..
कहे बनवारी वो गिरधारी बेड़ा पार करे।⚡⚡ दुखियों का दुःख हरने वाला,जय जय कृष्ण हरे।सुदामा..⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡