झिलमिल झिलमिल चुंदड़ी में तारा चमके। आजा ये भवानी थारा सेवक तरसे।
लाल सुरंगी मेहंदी थारे, हाथा राची लाल। धाम है थारो अजब निरालो,मंदिर बन्यो विशाल सिंह पर बैठ्या मैया जी ने सेवक निरखे।हो हो सेवक निरखे,आजा ये भवानी ………।।१
हाथा सोहे लाल चूड़ो मां,गल बीच नोसर हार। लाल कसूमल कब्जो सोहे, लंपी की बहार। काना माही झुमका, मां मोती चमके,हो हो मोती चमके।आजा ये भवानी…….।।२
माथे सोहे बोरलो मां,नैना काजल रेख। पलका तो उघाड़ो मैया, टाबरिया ने देख। कब से खड्या पुकारे थारा,सेवक बिलखे, हा हा सेवक बिलखे।आजा ये भवानी….।।३
पग पैजनिया कमर तागड़ी,सिर पर चंवर डुले। जगमग थारी ज्योत जले मां,छप्पन भोग लगे। देख देख थारो रूप सुहानो, मनडॉ हरसे, हो हो मनडॉ हरसे।आजा ये भवानी…..।।४
लाल ध्वजा फहरे मंदिर में, नोबत बाजे द्वार। रतन सिंहासन बैठी मैया,तीन लोक सरकार। सेवक करे गुणगान,गगन से अमृत बरसे, हो हो अमृत बरसे।आजा ये भवानी…।।५