कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो। मन को प्रभु के चरण में लगाते चलो।
लोग कहते हैं भगवान आते नही। द्रोपदी की तरह वो बुलाते नही। लोग कहते हैं भगवान खाते नही। शबरी की तरह वो खिलाते नही। बनके द्रोपदी शबरी बुलाते चलो,कृष्ण…।।१
याद आयेगी उनको कभी न कभी। दास पाएगा उनको कभी न कभी। मन में विश्वास ऐसा जगाते चलो।कृष्ण……।।२
प्राण जाए मगर नाम भूलो नही। दुःख में फूलो नही सुख में झूलो नही। प्रेम भक्ति के आंसू बहाते चलो।कृष्ण….।।३
काम करते रहो नाम जपते रहो। पाप करने से हरदम तुम डरते रहो। रूप गोविंद का मन में सजाते चलो।कृष्ण..।।४
नाथ आयेंगे ये आश मन में संजो। हाथ माथे पे रखेंगे विश्वास रखो। अपना विश्वास हरदम बढ़ाते चलो। कृष्ण..५