खम्मा खम्मा ओ धनिया,रुणिचे रा रामदेव।थाने मनाए आंखो मारवाड़ हो आंखो गुजरात हो,अजमल जी रा कंवरा।
पहले तो पर्चो माता, मैनादी न दिन्यो। कोई उफंतो दूध उतार्यो धनिया,अजमल जी रा कंवरा।।१
दूजो तो पर्चो,लक्ष्मी बंजारा न दिन्यों। कोई मिसरी रो लून बनायो धनिया, अजमल जी रा कंवरा।।२
तिजो तो पर्चो रत्ना,राइका न दिनो रे। कोई कुंवा से बाहर, निकालया धनिया, अजमल जी रा कंवरा।।३
चौथो तो पर्चो, नेतल रानी न दिनो रे। कोई फेरा में पगलिया चलाई धनिया, अजमल जी रा कंवरा।।४
पांचवा तो पर्चो बाई सुगना न दिनो रे। कोई हेले से भानूडो जिवायो धनिया, अजमल जी रा कंवरा।।५
खम्मा खम्मा ओ धनिया,रुणिचे रा रामदेव।थाने मनाए आंखो मारवाड़ हो आंखो गुजरात हो,अजमल जी रा कंवरा।