मुरली बजाने वाले,क्या तेरे मन में समाई, तूने मुझसे क्यों प्रीत लगाई। तूने मुझसे क्यों….
इतनी बड़ी है दुनिया, सबका है तुमसे नाता। कोई बुलाए तुझको,कोई है रोज रिझाता। मैं तो चाहूं तूं मेरी, नजरों में छुप जा प्यारे। २ मुझको अब नहीं सुहाती,नजरें पराई। तूने मुझसे क्यों प्रीत लगाई।
मुरली बजाने वाले,क्या तेरे मन में समाई, तूने मुझसे क्यों प्रीत लगाई। तूने मुझसे क्यों….
जब तुझको में पुकारूं, जब तुझको में निहारूं। गल बैयां में ही डारू,नजरें भी में ही उतारूं। तेरे नयनों का काजल,अपने नैनों में सवारूं।२ मुझमें अब तू समा जा,में जाऊ तुझमें समाई। तूने मुझसे क्यों प्रीत लगाई। तूने..
मुरली बजाने वाले,क्या तेरे मन में समाई, तूने मुझसे क्यों प्रीत लगाई। तूने मुझसे क्यों….