नौ बहनें आई भक्तों पर्वत को छोड़ के
मेरी मां के लम्बे बाल परांदा लंबा लइयो।
तेरी पायल की मीठी आवाज, गौरा जरा धीरे चलो।
जय जय जय हनुमान दुलारे पहुंच गया मैं द्वार तिहारे,
मेरी शेरावाली मां ,सच्चा तेरा दरबार।
आ गई नवरात्रि सब तैयारी कर लो, चंदन की चौकी कलश भर लो।
माई लहर लहर लहराए, जवारे तोरे हरे हरे।
अब आ भी जाओ मां ,क्यों देर लगाई है।
पथ राखोंं,पथ राखोंं,मोरी माई शारदा पथ राखोंं।
मेरे घर आओ मां शेरावाली।
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