आ मायड री लाडकड़ी बाबोसा रे सिर री पगड़ी
Category: gangor geet
गौरा म्हारी है मतवाली ईशर कामन गारा सा
पलके ही पलके बिछाऐंगे, जिस दिन ईशर गवरजा घर पे आएंगे
नाचण दे, नाचण दे, नाचण दे, सारी सखियाँ न नाचण दे,
पातलिया इशरजी, गलीयां मं आव गौरां झूमती ।
गणगौरयां आले मेले पहल्यां आया रहिजो जी।
ब्रह्मदास जीरा इशरदास जी, ये गरबना किजो जी।
उभी म्हार गवरजा छांजइयां री छांवा
महादेव जी आया लेववां जी।
म्हार रे इशर दास और कानी राम दोनू सारीसा।
चांद चढ्यो गिगनार, किरतयां ढल रही जी ढल रही है
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