प्रभु कैसा खेल रचाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
Category: विविध भजन
मुझे आपने बुलाया, ये करम नही तो क्या है
तेरी अंखियों में रम गया रेत, अखियां खोल राम ने देख।
लंकापति सुन मेरे पिया,
दे दो राम की प्यारी सिया…….
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख धंधा,
रे मेरी हो रही जात बिरान लेने के भगवान पता कोन्या ।
मालिक का भजन कर बंदे।
जनम जिस दिन हुआ समझो, कभी तो मौत भी होगी,
अरे हाँ रे सुणजो बेनडीया,
सतगुरु जी थाने ज्ञान बतावे रे,
पिंजरे वाली मैना भजन करो राम का,
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