बेटी विध को तो यो ही है विधान,
थाने जाणों पड़सी सासरिये,
Category: विविध भजन
सोने री चिड़कली रे प्यारो मारो देशड़लो।
मां बापा ने छोड़ बेटा होगया न्यारा।
भाई मैं अमली हरि नाम रो,
म्हाने बायड आवे रे,
चलो रे मन यमुना जी के तीर।
मेरे मन में पारसनाथ तेरे मन में पारसनाथ
बरसाने की छोरी बोली अपने मां के कान में।
बैठे बाबा धाम पे रहते हो दरबार में,
चाल सखी सत्संगत करिए, बिरथा जनम गंवावत है
किसने उड़ाया गुलाल लाल भई सारी नगरी।
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