मुसाफिर जागते रहना
नगर में चोर आते हैं,
Category: विविध भजन
राम थारी नगरी में काई घाटो,
वचन मत भरियो स्वामी इस रे जमाने में
अरे काया में गुलजार थारी काया में गुलजार।
गंगा किनारे चले जाणा
मुड़के फिर नहीं आणा
जुवा हस्तीनापुर में खेले रे कुंती के पांचों बेटा।
हृदय के पट खोल दे, तूं राधे राधे बोल रे।
हरि माला तेरा जपना कठिन है।
दुनिया रीझेली मिठो बोलयां से।
बहु दो घुट चाय बना दे मैं पीके जाऊं सत्संग में।
You must be logged in to post a comment.