आराम के क्या क्या साथी थे जब वक्त पडा तब कोई नहीं
Category: विविध भजन
मैं म्हारा राम जी ने कदई न भूलूं, कदई न भूलूं ,चाहे जन्म दुख पायो जी।
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,हरी शरण आने के बाद
ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ।
कोई बोले राम राम कोई कन्हाई। कोई श्री गोविंदा कोई रघुराई।
चाहे जैसे मुझे रख लो कुछ ना कहूंगा मैं।
मत तोड़े घर में खटिया कीर्तन में आजा एक घड़ी
मारने वाला है भगवान,बचाने वाला है भगवान
तेरी बीत रही अनमोल घड़ी, तू बैठ के जपले हरी हरी।
तकदीर बनाने वाले ने कैसी तकदीर बनाई है,
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