सुनी उड़े बात नई कीर्तन में,
Category: विविध भजन
मुझे ऐसी लगन तू लगा दे, मैं तेरे बिना पल ना रहूँ,
छोड़ बैठा है सारा जमाना मुझे,
नाथ अब आप हीं दो ठिकाना मुझे।
सब उमर बीत गई धोखे में परिणाम न जाने क्या होगा
राम बुलावा आवे एक दिन उस बुलावे से डरियो
राम नाम भजिया ज्याने, मोती महल मिलीया रे
होली खेल ले पंछीड़ा लाल,
फागण का दन चार।।
पिया जी से मिलबा चालो ये सजलो सिंगारो
हैरी मेरा दे दे ननंद प्रहलाद तेरी में चरणों की दासी।
जीवन है बेकार भजन कर दुनिया में
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