हाय रे तेरी एक ना चलेगी छोड़ दे घमंड प्यारे छोड़ दे,
Category: विविध भजन
आज उलझन में उलझी है दुनिया,
कोई समझाने वाला नहीं है,
अबला री आ विणती, सुणजो रे पिवजी मारा।
इस जग में मानव तन, मुश्किल से मिलता है,
कुंडलपुर में त्रिशला माता ने, ललना जाया है
सामान सो बरस का है,
पल की खबर नहीं।
मेहंदी के हरे हरे पात,मेहंदी रंग भरी।
जगत में किसने सुख पायो,
जो आयो सो पछतायो,
परनारी की प्रीत करे, नंगटा चोड़े धाड़े,
मुझे दर्शन दे गया वो कल रात सोते सोते
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